नीचे पर्थला गोलचक्कर, ऊपर होगा फ्लाईओवर
नीचे पर्थला गोलचक्कर, ऊपर बनेगा फ्लाईओवर, जाम से मिलेगी निजात
सुशील पांडेय
नोएडा। सेक्टर-122 पर्थला चौक पर जाम से जूझते लोगों की राह आसान करने की तैयारी है। यहां नीचे गोलचक्कर होगा और ऊपर से छह लेन का फ्लाईओवर बनाया जाएगा। दिल्ली इंटिग्रेटिड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) इसका डिजाइन तैयार कर रहा है। डिजाइन का काम पूरा होने के बाद एस्टिमेट और टेंडर का काम शुरू होगा। इसमें करीब चार माह का समय लगेगा यानी जुलाई के आसपास काम शुरू हो जाएगा। एक सर्वे के मुताबिक, करीब 1.25 लाख वाहन पीक आवर में रोजाना इस चौराहे से निकलते हैं।
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण की ओर से पर्थला चौक पर फ्लाईओवर के डिजाइन और एस्टिमेट सहित अन्य कार्यों के लिए डिम्ट्स एजेंसी का चयन बतौर कंसलटेंट किया गया गया। एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है। एजेंसी की ओर से उक्त साइट पर सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे के तहत यह तय किया जाएगा कि इस फ्लाईओवर का डिजाइन किस तरीके का होगा। इसमें कितने पैसे लगेंगे। पूरा का पूरा एस्टिमेट तैयार होगा। इसके बाद टेंडर और फिर निर्माण एजेंसी का चयन होने के बाद काम शुरू होगा। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि फ्लाईओवर की वजह से गोलचक्कर को खत्म नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे बचा लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इसे कुछ छोटा करने की बात कही। गोलचक्कर बनाने का मकसद फ्लाईओवर का रास्ता नहीं लेने वाले वाहनों को नीचे से दायीं ओर मुड़ने पर रास्ता देना होगा।
फ्लाईओवर की लंबाई और लागत होगी कम
पहले के अनुमान के मुताबिक , पर्थला चौक पर फ्लाईओवर की लंबाई करीब 800 मीटर तक रखने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब सर्वे के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि इसकी लंबाई 650 मीटर ही होगी। इससे पहले के अनुमानों के मुताबिक इसकी लंबाई में कुछ कमी आएगी। इसी तरह से पहले के अनुमान के मुताबिक इसकी अनुमानित लागत करीब 90 करोड़ रुपये आंकी जा रही थी, लेकिन अब इसकी अनुमानित लागत 75 से 80 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
सेंट्रल वर्ज को किया जाएगा पतला
वर्तमान समय में पर्थला चौक से किसान चौक तक सेंट्रल वर्ज काफी चौड़ा है, लेकिन फ्लाईओवर के निर्माण के समय इसे और पतला किया जाएगा। फ्लाईओवर का सेंट्रल वर्ज पहले से ही पतला रहेगा। लिहाजा, इससे उतरने वाले सेंट्रल वर्ज को भी पतला किया जाएगा।
मुख्य सड़क से सर्विस रोड को मिलाया जाएगा
फ्लाईओवर उतरने के बाद मुख्य सड़क का रास्ता करीब-करीब बंद हो जाएगा। अगर कोई नीचे से जाना चाहता है उसे भी रास्ता मिलना चाहिए। लिहाजा, इन्हें रास्ता दिलाने के लिए सर्विस रोड को मुख्य सड़क से मिलाकर रास्ता दिया जाएगा, ताकि एफएनजी रोड से बायीं ओर मुड़कर किसान चौक जाने वाले वाहनों को रास्ता मिल सके।
फ्लाईओवर से यहां के लोगों को होगा फायदा
सेक्टर-51, 52, 61, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121, 122 के अलावा ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को फायदा होगा।
सिग्नल फ्री का मिलेगा मौका
दिल्ली से आने वाले वाहनों को सिग्नल फ्री सफर का आनंद मिलेगा। ऐसे वाहन जो गाजियाबाद, हापुड़, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ओर आएंगे। उन्हें बेहतर व्यवस्था मिलेगी।
जाम से मिलेगी मुक्ति
वर्तमान समय में पर्थला चौक पर रोजाना दो से तीन किलोमीटर का लंबा जाम लगना आम बात है। यहां चारों ओर से आने वाले वाहनों की कतार लग जाती है। इससे बचने के लिए पर्थला चौक पर कुछ रास्तों को बंद भी किया गया है, ताकि चौराहे पर वाहन न फंसें। इसके बावजूद आगे जाने के लिए मुड़ते समय जाम जैसे हालात हो जाते हैं। इसमें दो तरफ से आने वाला ट्रैफिक फंस जाता है और इस वजह से बैक फ्लो की समस्या आती है और जाम लगता है।
प्रस्तावित मेट्रो के समानांतर बनेगा फ्लाईओवर
पर्थला चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर यहां के प्रस्तावित ग्रेनो वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के समानांतर बनेगा। यह सेक्टर-121 की ओर से किसान चौक की ओर विकास मार्ग पर बनेगा। इसके नीचे से एफएनजी रोड निकलेगी।
दो साल में बनकर होगा तैयार
सर्वे का काम पूरा होने के बाद इसका एस्टिमेट तैयार किया जाएगा। इसके बाद टेंडर कराया जाएगा। टेंडर का काम पूरा होने के बाद इसका काम शुरू होगा और करीब दो वर्ष में यह फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाएगा।
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पर्थला चौक पर फ्लाईओवर बनाने के अलावा गोलचक्कर को भी बचाया जाएगा। इसके सर्वे का काम चल रहा है। डिजाइन और एस्टिमेट तैयार होने के बाद टेंडर होगा। फिर काम शुरू होगा। इसके अनुमानित लागत और लंबाई में भी कमी आएगी